Naye sire se shuru ki hai humne zindagi apni,
Is mein kisi khushi ke liye koi thikana nahi.
Bas shama jalti hai teri yaad ki,
Meri maut ke liye zalim koi bahana nahi.
नए सिरे से शुरू की है हमने ज़िंदगी अपनी,
इस में किसी ख़ुशी के लिए कोई ठिकाना नहीं,
बस शमाँ जलती है तेरी याद में,
मेरी मौत के लिए ज़ालिम कोई बहाना नहीं।
Is mein kisi khushi ke liye koi thikana nahi.
Bas shama jalti hai teri yaad ki,
Meri maut ke liye zalim koi bahana nahi.
नए सिरे से शुरू की है हमने ज़िंदगी अपनी,
इस में किसी ख़ुशी के लिए कोई ठिकाना नहीं,
बस शमाँ जलती है तेरी याद में,
मेरी मौत के लिए ज़ालिम कोई बहाना नहीं।
0 comments:
Post a Comment