सीसे में दिखती
है आपकी परछाई,
कहती है हमसे आप हो सरमाई,
यह कैसी है
रुसवाई,
मन करता है थाम
लू कलाई,
क्योंकि अब तो
सही जाए ना ये जुदाई,
हर बार उनकी सलामती की दुआ
करेंगे,
उनकी आरजू में अपनी हस्ती फना करेंगे,
वो चाहे दामन बचाले हमसे
लेकिन ,
हम मरते दम तक उनसे वफ़ा करेंगे,
..................
मैंने खुदा से एक दुआ माँगी,
दुआ में अपनी मौत माँगी,
खुद ने कहा मौत तो तुझे दे दूँ
पर उसका क्या करू , जिसने हर दुआ में तेरी जिंदगी मांगी,
..................
युही सपनो से दिल को लगाया करो,
किसी के ख्वाबो में आया जाया करो,
जब भी दिल कहे की कोई तुम्हे भी मनाये ,
बस हमें याद कर के रूठ जाया करो।
...................
तू
क्या जाने क्या है तन्हाई,
इस
टूटे हुए दिल से पूछ, क्या है जुदाई,
बेवफाई
का इलज़ाम ना दे ज़ालिम ,
इस
वक़्त से पुंछ , किस वक़्त तेरी याद ना आई।
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