किसी की जिंदगी
हुँ मैं,
किसी की शायरी
हु मैं,
जरा सा पूँछ कर
पढ़ना ,
किसी की डायरी
हूँ मैं।
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तुम न आये और न
पूछा कैसी आहों में कटी,
दर्द की
परछाइयाँ थी रात आँखों में कटी,
ज़िन्दगी धोती
रही है कब से इश्क की इस लाश को,
रूह गलियों में
भटकी रात आंसुओं में कटी,
बेरुखी तुम्हारी
मुझसे एक दिन ये भी रंग दिखलाएगी,
बाद में कहोगी
तुम्हारी भी रात गम की बाँहों में कटी,
बेबसी आहें भर
रही है होंसलों की राह में,
चाहतें सो के
जगी उम्र खवाबों में कटी,
अब कोई मंज़र
नज़र नहीं आता “राज” मुझे,
मेरी पूरी
ज़िन्दगी ही दो किनारों में कटी।
...................
Is Dil Ke Har Dhadkan Ka Ehsaas Ho Tum.
Tum Kya Jaano Hamare Liye Kitne Khaas Ho Tum.
Juda Ho K Tumne Hame Maut Se Bhi Battar Sazaa Di Hai,
Phir Bhi Is Tadapte Dil Ne Tumhe
....................
Koi Khud Se Bhi Pyaara Hota Hai,
Koi To Dil Ka Sahara Hota Hai,
Jaruri Nahi Zindagi Apne Liye Hi Pyaari Ho,
Zindagi Me Koi To Zindagi Se Bhi Pyaara Hota Hai..
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